केंद्रीय पैनल के सामने कई राज्यों ने रखी फिक्स पेंशन की मांग
जब आप एक्टिव वर्क लाइफ से रिटायर होंगे तो कहीं चैन की सांस वाली चाय की चुस्की भारी न पड़ जाए?
रिटायरमेंट प्लानिंग कब शुरू करें? अधिकतर एक्सपर्ट्स की सलाह है कि पहली सैलरी से ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए.
भारत में जीवन प्रत्याशा यानी जीवन जीने की औसत आयु बढ़कर 70 साल के स्तर पर पहुंच गई है. आगे इसमें और वृद्धि के आसार दिख रहे हैं.
महंगाई के दौर में पैसा कमाने के साथ उसका निवेश करने की भी जरूरत है ताकि रिटायरमेंट के बाद आपको किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़े.
Retirement Planning: रिटायरमेंट प्लानिंग जैसे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट पर महंगाई का असर पड़ता है. एक दशक बाद आपके मौजूदा निवेश कम पड़ सकते हैं
उम्र के इस मोड़ पर होने वाले मेडिकल खर्चों के लिए, महंगाई को मात देने के लिए, अचानक आए खर्च से निपटने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग जरूर होनी चाहिए.
Annuity Plan में एक बार मोटी राशि के निवेश से पूरे जीवनभर निश्चित राशि प्राप्त होती है. कुछ प्लान में आपकी मृत्यु के बाद पति/पत्नी को पेंशन मिलती है
ULIP vs ELSS: इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम पूरी तरह इन्वेस्टमेंट-बेस्ड प्रोडक्ट है. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान निवेश और जीवन बीमा का कॉम्बिनेशन है
रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत जरूरी है. आप जितने कम उम्र में बचत के लिए सोचेंगे उतना ही बेहतर होगा.